लेखनी कहानी -26-Oct-2022

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दिवाली आयी थी मिलने,  कल दिवाली आयी थी मिलने,  आज फिर कहीं चली गयी हैं,  स्वागत में दिवाली के रंग ज़मी पर सजाये थे,  फ़ूलों की लरियां  लगायी,  कुछ कमीं पेशी ...

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